ऐसे करें एसी का सही उपयोग...
- Written by Samiksha Bharti News Service
- Be the first to comment!
- font size decrease font size increase font size

भीषण गर्मी का मौसम है और घर-घर एयर कंडीशनर चलने लगे हैं। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि एसी का सही तरह से उपयोग कैसे करें...
अधिकतर लोगों की आदत है कि वे एसी को 20-22 डिग्री सेल्सियस पर चलाते हैं और ठंड लगने पर कंबल आदि ओढ़ते हैं। इससे दोहरा नुकसान होता है। हमारे शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस होता है और यह 22 डिग्री से 39 डिग्री तक का तापमान सह सकता है। इसे कहते हैं ‘मानव शरीर तापमान सहनशीलता’ यानी Human body temperature tolerance. तापमान के इससे कम या अधिक होने पर शरीर प्रतिक्रिया करने लगता है जैसे कि छीकें आदि आना।
जब आप 20-21 डिग्री पर एसी चलाते हैं तो यह तापमान शरीर के सामान्य तापमान से बहुत कम है और इससे शरीर में हाइपोथर्मिया की प्रक्रिया शुरू हो जाती है जो रक्त प्रवाह को प्रभावित करती है। इसके चलते शरीर के कई अंगों में रक्त ठीक प्रकार से नहीं पहुंच पाता। इसके दीर्घावधि में बहुत नुकसान होते हैं। गठिया आदि बीमारियों की आशंका बेहद बढ़ जाती है।
अधिकतर समय एसी में बिताने से पसीना नहीं आता जिससे शरीर के टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते और इससे भी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हम उच्च रक्त चाप व त्वचा की कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।
स्वास्थ्य के अलावा यह आपकी जेब पर भी भारी पड़ता है। जब आप एसी इतने कम तापमान पर चलाते हैं तो उसका कंप्रेसर लगातार पूरी ऊर्जा पर चलता है फिर चाहे वह फाइव स्टार ही क्यों न हो, अत्यधिक बिजली फूंकता है और उसका पैसा आपकी जेब से जाता है। बेहतर यह है कि एसी को 25+ डिग्री पर चलाएं और साथ में पंखा भी चला लें। इससे बिजली भी कम खर्च होगी और आपके शरीर का तापमान भी सीमा में रहेगा। इसका एक और फायदा यह है कि जब एसी कम बिजली खर्च करेगा तो बिजलीघरों पर भी दबाव कम होगा औऱ अंततः ‘ग्लोबल वॉर्मिंग’ में कमी लाने का मकसद भी पूरा होगा।
गणितीय दृष्टि से देखें तो मान लीजिए एसी को 26 डिग्री पर चलाकर आप लगभग पांच यूनिट बिजली प्रति एसी प्रति रात्रि बचाते हैं और यदि ऐसा 10 लाख घरों में होता है तो आप 50 लाख यूनिट बिजली प्रतिदिन बचाते हैं। प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर पर यह बचत करोड़ों यूनिट प्रतिदिन की हो सकती है।
यह सब देखते हुए यदि हम अपने एसी 25 डिग्री से ऊपर ही चलाएं तो न केवल अपने शरीर को स्वस्थ रख सकेंगे बल्कि वातावरण को भी स्वच्छ रख पाएंगे।