रेत में स्नान कर यमुना मैया की दुर्दशा पर जताया रोष
- Written by Samiksha Bharti News Service
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आगरा : बिन पानी भी भला कोई जिंदगी हो सकती है? यमुना मैया की वर्तमान स्थिति देखें तो आप जवाब देने में लड़खड़ा जाएंगे। पानी की जगह यहां नालों की कीचड़, पॉलीथिन की गंदगी और शौच करते लोग नजर आएंगे। यमुना मैया की इस दुर्दशा पर यहां लोगों ने पानी की जगह रेत में स्नान कर रोष जताया। इसके उपरान्त हर रोज की तरह आरती की गई।
रिवर कनेक्ट अभियान के बृज खंडेलवाल ने बताया कि नाले में तब्दील हो चुकी यमुना मैया की स्थिति में सुधार तभी हो सकता है जब यहां 12 महीने पानी रहे। लोगों की आस्था से जुड़ी इस नदी की स्थिति में सुधार के लिए जरूरी है कि केन्द्र सरकार नदियों के लिए राष्ट्रीय नदी नीति बनाए। इनकी देखरेख के लिए नेशनल हाई-वे अथॉरटी की तर्ज पर नेशनल रिवर अथॉरिटी बननी चाहिए जिससे पानी के लिए प्रदेशों का झगड़ा खत्म हो और नदियों की स्थिति में सुधार हो सके।
रिवर कनेक्ट अभियान के तहत एत्माउद्दौला व्यू प्वाइंट पर लोगों ने गंगा दशहरा की पूर्व संध्या पर रेत में स्नान किया और रोष जताया। मौके पर मौजूद एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि एक ओर तो सरकार यमुना में जहाज चलाने की बात करती है लेकिन यहां तो छोटी नाव भी नहीं चल सकती।
इसके उपरान्त पं. जुगल श्रोत्रिय द्वारा आरती कराई गई और भक्तजन व राहगीरों को शर्बत वितरित किया गया। इस अवसर पर शशिकांत उपाध्याय, पद्मिनी अय्यर, श्रवण कुमार, मोहन, शाहतोष, अभिनव, जुगल श्रोत्रिय, राहुल, दीपक, रंजन शर्मा आदि उपस्थित थे।