ताजमहल के निकट बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए हुई कार्यशाला
- Written by Samiksha Bharti News Service
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आगरा : संस्कृति मंत्रालय ने यहां ताजमहल पर एक उच्चस्तरीय हितधारक कार्यशाला का आयोजन किया। संस्कृति राज्य मंत्री और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा की अध्यक्षता में यह बैठक ताजमहल के आसपास प्रदूषण के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी। इसमें इस समस्या से निपटने और पर्यावरण प्रदूषण से ताजमहल की रक्षा के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपाय करने पर चर्चा की गई।
Read in English: Workshop Discussed Pollution Issues Around Taj Mahal
बैठक में डीजी, एएसआई उषा शर्मा; अपर सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एके मेहता, राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन, आगरा के पड़ोसी जिलों के स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधियों, स्थानीय सांसदों, विधायकों, यूएनईपी एवं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधियों और आम जनता तथा उद्योग जगत की ओर से अन्य हितधारकों, पर्यावरणविदों इत्यादि ने भाग लिया।
बैठक के बाद ‘प्लास्टिक प्रदूषण से निजात पाने’ पर ताजमहल घोषणापत्र एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी किया गया जिसमें इस ऐतिहासिक स्मारक के आसपास 500 मीटर तक के इलाकों को गंदगी मुक्त बनाने और ताजमहल के निकट एवं उसके आसपास एकल उपयोग प्लास्टिक को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने की शपथ ली गई। डॉ. महेश शर्मा; यूएनईपी के कार्यकारी निदेशक एरिक सोलहीम; यूएनईपी की सद्भावना राजदूत एवं अभिनेत्री दीया मिर्जा; स्थानीय सांसदों, विधायकों, स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति में यह शपथ ली गई।
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि आज भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया को अत्यधिक प्लास्टिक के उपयोग के कारण प्रदूषण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ का संदेश ऐतिहासिक स्मारक ताजमहल से न केवल आगरा और देश के लोगों, बल्कि पूरी दुनिया को दिया जा रहा है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि सरकार आगरा के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है जिसमें केंद्र, राज्य, स्थानीय प्रशासन और सभी एजेंसियां एक छत्र के नीचे काम करेंगी और इस प्रक्रिया में आगरा की आम जनता को भी सहभागी बनाया जाएगा।